Shiv Dhanush

Day 3,222, 10:07 Published in India Bulgaria by Hot Dude

🌺🌺🌺शिव धनुष पिनाक की कहानी:🌺🌺🌺

एक बार कण्व ऋषि भगवान ब्रह्मा की तपस्या में इतने लीन थे कि उनको अपने शरीर का होश खत्म हो गया और उनके शरीर में मिटटी का टीला बन गया जिसमें दीमकों ने डेरा डाल लिया था कुछ कालांतर के बाद उस मिट्टी के टीले पर एक बांस का पौधा उगा जोकि लगातार बड़ा होता रहा जब उनकी तपस्या पूरी हो गई और ब्रह्मा ने उनको दर्शन दिए तो उनका पूरा शरीर खत्म हो चुका था और के स्थान पर केवल मिट्टी का टीला था। ब्रह्मा जी कण्व ऋषि को आशीर्वाद देकर उनका शरीर सोने का बना देते हैं और उनकी कई मनोकामनाएं पूरी करते हैं। जाते समय ब्रह्मा जी सोचते हैं कि यह बांस कोई साधारण नहीं हो सकता जो कि एक ऋषि के शरीर से उपजा है वह उस बांस को साथ में ले जाते हैं और विश्वकर्मा को देते हैं विश्वकर्मा उस बास से तीन धनुष का निर्माण करते हैं पहला पिनाक कहलाता है जिसको शिव ने धारण किया दूसरा धनुष शाङ्ग कहलाता है जो भगवान विष्णु को प्राप्त हुआ और तीसरा धनुष गांडीव कहलाया जिसे इंद्र धारण किया यह धनुष बाद में अर्जुन को प्राप्त हुआ जिससे वें महाभारत का युद्ध लड़ते हैं इनमे सबसे शक्तिशाली पिनाक था। यह धनुष पिनाक इसलिए कहलाता था क्योंकि इसने तीनों लोगों को अपने अधिपत्य में ले रखा था पिनाक सर्पाकार में था जिसके सात फन थे।
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